मैं इतनी चिंता क्यों करता हूँ?
5 min readJan 26
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भरवासा की आशनाई दा, डर लगदा बेपरवाही दा।
~ बुल्लेशाह
आचार्य प्रशांत: आशिकी का क्या भरोसा; बेपरवाही से डर लगता है। वो बेपरवाह है, बुल्लेशाह हों, नानक हों, और कोई भी ‘जानने’ वाला हो, सभी ने यही जाना है: बेपरवाही उसका स्वभाव है। बुल्लेशाह कह रहे हैं, ‘भरोसा की आशनाई दा, डर लगदा बेपरवाही दा’।