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मेरे लिए यही है मेरा काम

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हर वीडियो, हर ब्लॉग एक चुम्बन है निरभ्र आकाश का अपनी धरा को।

इसीलिये बरसात चाहता हूँ। चंद बूँदों से मन नहीं भरता। हर नया पोस्टर, एक मत्त उच्छ्वास। देखो कि पृथ्वी के भाल पर अंकित हुआ तुम्हारा कोमल स्पर्श, और फिर निहारते रहो प्रियतमा के पिघलते चेहरे को। समाधि…

किसी अज्ञात आवेग से
धड़धड़ धड़कती छाती हो
काम अमर प्यास हो
हर सत्र प्रेमगीत
और किताब प्रेमपाती हो।

जो प्रत्येक शब्द की
आँख में काजल
करके ही सो पाएँ
सिर्फ़ वो प्रियवर
रसमना सहचर
मेरे साथ आएँ।

साथ हम आएँगे
प्रविष्ट होंगे तुम में
और स्वयं तक
पहुँच जाएँगे।

~ प्रशांत (10.03.2016)

आचार्य प्रशांत के विषय में जानने, और संस्था से लाभान्वित होने हेतु आपका स्वागत है

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

Written by आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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