मेरा अपना क्या है?

तुमने बड़ी ख़ूबसूरत बात कही कि जो कुछ है वो बाहर से है। ठीक-ठीक देख पा रहे हो कि मन में जो कुछ भरा हुआ है वो दूसरों का दिया हुआ है और दिया ही नहीं है, देने में तो ऐसा लगता है किसी ने तुम पर कुछ उपकार किया हो, दूसरों ने ज़बरदस्ती घुसा दिया है तुम्हारे मन में, बिना तुम्हारी अनुमति के। तुमसे कभी पूछा नहीं गया कि क्या ये तुम्हारे मन में बैठा दूँ? तुमसे पूछा नहीं गया, तुम्हारी सहमति नहीं थी इसमें लेकिन तुम्हारे मन में डाल दिया गया पूरे तरीके से। शोषण है ये एक…