मृत्यु से भय क्यों लगता है?
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, परिवारजन या रिश्तेदार की मृत्यु को देखकर भयभीत हो जाती हूँ, कृपया मार्गदर्शन करें।
आचार्य प्रशांत: अध्यात्म के साथ रहिए। पूरा अध्यात्म ही डर से मुक्ति पाने के केंद्रीय लक्ष्य को लेकर है और सब डरों में सबसे मूल डर और सबसे बड़ा डर मृत्यु का ही डर है। तो आप जो कह रही हैं उसकी एक ही दवा है, कोई और दवा है ही नहीं और वो दवा रची ही गई है मृत्यु के पार जाने के लिए। अध्यात्म का और कोई उद्देश्य है ही…