मूर्खता है माँसाहार

माँस माँस सब एक है मुर्गी हिरणी गाय
आंख देखी नर खात है, ते नर नरकहि जाय
~ कबीर साहब
माँस सारे एक हैं — मुर्गी, हिरणी, गाय; इसमें मनुष्य और जोड़ लीजिए।
कबीर साहब बात कर रहे हैं आपके और माँस के रिश्ते की।
माँस कहीं से भी आया हो, माँस का अर्थ है ‘देह’। ‘देह’ का अर्थ है ‘संसार’। कबीर साहब हमारे सामने सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आपका और माँस का…