माया मिली न राम
8 min readNov 17, 2020
--
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, चीज़ें समझ में आ रही हैं लेकिन फिर भी ऐसा लगता है कि बीच में फँसा हुआ हूँ, खींचा हुआ सा महसूस करता हूँ, ऐसी हालत में क्या होगा?
आचार्य प्रशांत: कुछ टूटेगा। या इधर टूटेगा या उधर टूटेगा।
पर हम बड़े होशियार लोग हैं, जैसे स्ट्रैटजी(रणनीति) बोली ना, हम वॉशिंग-मशीन(कपड़े धुलने की मशीन) लेके नाले में गिरेंगे, सोलर-पावर्ड(सौर-ऊर्जा से संचालित) वॉशिंग-मशीन। नाले में तो हैं, पर साथ ही साथ धुलते…