माँसाहार का समर्थन मूर्खता या बेईमानी? (भाग-5)
प्रश्नकर्ता: जब मेरे मज़हब में कुछ जानवरों के माँस को हलाल बताया गया है तो फिर मैं माँस क्यों ना खाऊँ?
आचार्य प्रशांत: हलाल बताया गया है माने अनुमति ही तो दी गई है न, अनिवार्य तो नहीं कर दिया गया। अलाउड और कंपलसरी में अंतर होता है न। और बहुत बड़ा अंतर होता है। किसी बात की तुमको अनुमति दे दी गई है इसका मतलब यह नहीं कि वह बात तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दी गई।