महर्षि वाल्मीकि

आज महर्षि वाल्मीकि जयंती का सुअवसर है। इससे बेहतर शायद ही कोई मौका मिले भारत के आदिकवि को जानने के लिए। इसलिए आज हम उनके विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें आपके साथ साझा करना चाहते हैं:

महर्षि वाल्मीकि का योगदान

~ भारत व सनातन धर्म में महर्षि वाल्मीकि का योगदान अतुलनीय है। उनकी दो मुख्य रचनाएँ ‘रामायण’ व ‘योगवासिष्ठ’ ने दोनों अलग-अलग मार्गों से आमजनमानस तक वेदांत की गहरी सीख को सरलता से पहुँचाया। ये दोनों ही ग्रंथ काव्य के रूप में रचित हैं, जिससे सदियों से अध्ययन करने वालों के मन पर अपनी सुमधुरता के कारण अंकित हैं और आज भी हम सभी के बीच मौजूद हैं।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org