मन लगातार सोचता क्यों रहता है?

बहुत सारे लोग हैं जो निरंतर चिंता में ही बने रहते हैं। कुछ न भी हो कारण तो वो ढूंढ निकालेंगे, पर उन्हें चिंता करनी ज़रूर है।

यह मत समझ लेना कि उन्हें किसी से बहुत प्रेम है इसलिए वो चिंता कर रहे हैं। वो चिंता इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका अहंकार कायम रहे।

कई लोग होते हैं जो कहते हैं हम पर बड़ी जिम्मेदारियाँ हैं और उनके मन में हमेशा जिम्मेदारियों का ही ख्याल चलता रहता है, यह मत सोच लेना वो बड़े ज़िम्मेदार लोग हैं। उनके मन में ज़िम्मेदारियों का ख्याल चलना इसलिये ज़रूरी है ताकि उनके मन का अस्तित्व बना रहे। वो ख्याल चलना बंद हुआ, उनका अहंकार घुल जाएगा। इसीलिए वो लगातार सोचते रहेंगे।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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