मन ब्रह्म को कैसे जाने?
4 min readNov 25, 2020
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आचार्य प्रशांत: कौन से श्लोक हैं, जिसपर बात करें?
प्रश्नकर्ता: पहला खण्ड, पाँचवा श्लोक, केनोपनिषद।
यन्मनसा न मनुते येनाहुर्मनो मतम्।
तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते॥५॥
(केनोपनिषद, खण्ड १, श्लोक ५)
हिंदी अनुवाद: मन से जिसका मन नहीं किया जा सकता; अपितु मन जिसकी महत्ता से मनन करता है, उसी को ब्रह्म…