मन प्रशिक्षण के अनुरूप ही विषय चुनेगा

तुम कब कहते हो कि मन एकाग्र है? जब तुमने एक विषय चुना है और वो किसी दूसरे विषय में न बदले।

मन तो एकाग्र होता ही है, कोई समस्या नहीं है, लगता हमें यही है कि एकाग्रता समस्या है।

कोई फ़िल्म देखने, क्रिकेट देखने जाते हो तब देखा है कितने एकाग्रचित्त होकर देखते हो? क्या तब तुम यह शिकायत करने आते हो कि एकाग्र नहीं कर पा रहें है?

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org