मन पर कैसे काबू पाएँ?
कौन है जो मन को काबू में रखना चाहता है? ये ‘मैं’ कौन है जो मन को काबू में रखेगा?
जिसे तुम काबू में रखना चाहते हो वो तुम्हारी छाया है, तुम जैसे हो वो वैसी है, तुम उसे काबू में कैसे करलोगे?
मन ‘मैं’ का मौसम है, मन ‘मैं’ के इर्द-गिर्द की गतिविधि है। ‘मैं’ जैसा होगा उसके इर्द-गिर्द की गतिविधि भी वैसी होगी, उसका नाम मन है। मन निर्धारित ही इस बात से होता है कि तुमने अपने आपको क्या समझ रखा है, क्या बना रखा…