मन को शान्त करने का उपाय

विषयहीन होने का तरीका ये है कि मन की विषयों से जो आसक्ति है, उसका सकारात्मक प्रयोग कर लो।

मन को किसी न किसी के पास तो बैठना ही है, यही कहलाती है विषयों से आसक्ति। मन को कुछ चाहिए, किसी न किसी से तो मन को जाकर जुड़ ही जाना है। तुम सही जगह जाकर जुड़ जाओ। सही जगह जाकर के जुड़ोगे तो वो तुमको सब गलत जगहों से टूटने पर, हटने पर, कटने पर विवश कर देगा, और जब वो सही विषय तुमको सब व्यर्थ जगहों से हटा देगा तो फिर वो स्वयं भी अदृश्य हो जाएगा, मिट जाएगा, ये सही विषय की पहचान होती है।

ये एक सीधा तरीका नहीं है, ये टेढ़ा तरीका है पर इस टेढ़े तरीके के अलावा टेढ़े मन के पार जाने का और कोई साधन नहीं है।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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