भोलापन माने क्या?

प्रश्न: आचार्य जी, अभी आपने कहा था कि जो विपरीत पर खड़ा है वो हमेशा पहचानेगा कि राजनीति क्या चल रही है या ये सब। पर ऐसा हम सुनते हैं ना कि जो भोला रह जाता है उसका ज़माना भी नहीं रहता। तो अगर हम अपने ऑफिस में ही हैं चाहे, और हम नहीं देख रहे, पॉलिटिक्स से ध्यान हटा दिया है, ये बातें कभी-कभी तंग भी करती हैं इंसान को, नहीं ध्यान दे रहे, जिसको जो बोलना है बोलने दें। पर कई बार ऐसा हो जाता है कि वो उलटा ही पड़ जाता है। तो फिर क्या फायदा हुआ हमारे भोलेपन का?

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org