भूले मन..!
भूले मन..! समझ के लाग लदनियां..! थोड़ा लाद..अधिक मत लादे..टूट जाये तेरी गर्दनिया..!..
भूले मन…भूखा हो तो भोजन पा ले..आगे हात न बनिया…!
भूले मन….प्यासा हो तो पानी पी ले..आगे घात न पनियां…
भूले मन….कहे कबीर सुनो भाई साधो..काल के हाथ कमनियां…भूले मन…
~ कबीर साहब
आचार्य प्रशांत: क्या है मन की भूख, क्या है मन की प्यास? क्या पाकर मन वास्तव में…