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भूखे मर जाना पर मुफ़्त की रोटी मत खाना!
भूखे मर जाना पर मुफ़्त की रोटी मत खाना!
ये बात अच्छे से समझ लो। मेहनत ज़्यादा करो और कम फल मिले, चलेगा, कि बहुत मेहनत करते हैं, पैसा थोड़ा-सा मिलता है; चलेगा।
पर मेहनत इतनी-सी कर रहे हो और पा इतना (ज़्यादा) रहे हो, ये बिल्कुल नहीं ठीक है।
ये तुम्हें बर्बाद कर देगा। और ऐसी चीज़ों के बड़े घातक दुष्परिणाम देखने पड़ते हैं।
जहाँ कहीं भी अनर्जित धन होता है, वेल्थ विदाउट वर्क (बिना काम के धन), वहाँ बड़ी बीमारियाँ फैलती हैं। सबसे पहले तो उस घर के बच्चे बर्बाद होते हैं। जहाँ कहीं भी अनअर्नड (बिना मेहनत का धन), इल्ल गोटन (ग़लत तरीक़ों से कमाया गया), या तो ऐसी तनख़्वाह आ रही है जिसके लिए तुमने मेहनत नहीं करी या ऊपरी कमाई, घूस, रिश्वत, काला धन इत्यादि आ रहा है, उस घर में बड़ा नर्क उतरता है। मैंने कहा सबसे पहले तो ऐसे घरों के बच्चे बर्बाद होते हैं। घर में हर तरह का कलह-क्लेश फैलता है। वो भले ही ये सोचते रहें कि, “देखो, हम कितने चालाक हैं, हम कुछ करते नहीं और फिर भी इतना सारा पैसा आ जाता है,”
उनको पता ही नहीं है कि उनकी चालाकी कितनी बड़ी मूर्खता है।
उन्हें नहीं पता कि उनकी चालाकी कितनी भारी पड़ रही है उनको।
उन्हें पता ही होता तो वो ये चालाकी करते ही क्यों?
~ आचार्य प्रशांत