भीतर फ़ौलाद चाहिए?
8 min readApr 25
--
प्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी, मैं तेईस साल का हूँ और अभी मैं यू.पी.एस.सी. में फॉरेस्ट सर्विसेज़ की परीक्षा की तैयारी कर रहा हूँ। अभी मैं घर पर बैठा हूँ और पापा से पैसे लेता हूँ। आपको मैं डेढ़ साल से सुन रहा हूँ, और जीवन में स्पष्टता आ रही है, सहजता आ रही है, जीवन सरल बन रहा है। मैं देख पा रहा हूँ कि जीवन में मैं जो पहले करता था वो अब नहीं करता, जो मैं पहले चीज़ें देखता था वो अब नहीं देखता। लेकिन आचार्य जी वो जानी हुई बातें आलस और अनुशासन की कमी के कारण कर्म…