भविष्य की चिंता
ज़्यादातर लोग जिन्हें भविष्य की बड़ी चिंता होती है, वह वही लोग हैं जिनका वर्तमान उखड़ा हुआ होता है।
अभी आप खुल नहीं पा रहे हैं, अभी आप जी नहीं पा रहे हैं, अभी आप अपने भ्रमों को दूर नहीं कर पा रहे हैं, आप अपने आप को बस बहाना दिए जा रहे हैं। और बहाना क्या है? “कल कर लूँगा।”
जब आपने वह सब कुछ जो शुभ है, कल पर स्थगित कर दिया है तो निश्चित सी बात है आपके लिए ‘कल’ महत्वपूर्ण हो जाएगा, आज की महत्ता कम हो जाएगी। और आप लगातार कल के सपने देखने लगेंगे, फिर उसको आप उम्मीद का नाम देते हैं, फिर उसको आप महत्वकांक्षा का नाम देते हैं, उसको आप लक्ष्यों का नाम देते हैं। हज़ार तरीके से आप इस बात को ज़ायज़ ठहराने की कोशिश करते हैं कि आज का कुछ होश नहीं और कल के लिए बड़ा जोश है।
सूत्र समझो: जहाँ कहीं भी तुम्हारे लिए भविष्य महत्वपूर्ण हुआ, वहाँ समझ लो कि तुम अपने साथ कोई धोखा-धड़ी कर ही रहे हो। असली बात तो होती ही तब है, जब तुमको सच्चाई इतनी साफ़-साफ़ दिखाई दे कि तुम्हारे पास कोई तरीका ही न बचे उसके साथ टालम-टोल करने का।
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