भय से छुटकारे का सरल उपाय

जिसको हम भय मुक्ति कहते हैं, जिसको हम जीवन मुक्ति कहते हैं, वो वास्तव में अहम् मुक्ति होती है, अहम् ही भय है, अहम् ही सामान्य जीवन है। अहम् की दृष्टि से देखें तो भय मुक्ति या जीवन मुक्ति उसके लिए जीवन का अंत होती है, उसके लिए मृत्यु समान होती है और मृत्यु से कौन नहीं घबराएगा, कौन है जो मृत्यु को सहर्ष स्वीकारेगा, आमंत्रित करेगा, इसलिए अहम् इन सीधी बातों को जानते समझते भी अस्वीकार करता है, कुछ कुतर्क करता है।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org