भय से छुटकारे का सरल उपाय
6 min readOct 4, 2021
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ब्राह्यान्तराणां शत्रूणां स्वभावं पश्य भारत।
यन्न पश्यति तद्भूतं मुच्यते स महाभयात् ॥
-कामगीता (श्लोक ८)
अनुवाद: भारत! बाहरी और भीतरी शत्रुओं के स्वभाव को देखिए-समझिए। (ये मायामय होने के कारण मिथ्या हैं, ऐसा निश्चय कीजिए)। जो मायिक पदार्थों को ममत्व की दृष्टि से नहीं देखता, वह महान भय से छुटकारा पा जाता है।