बोध ही जीवन है

प्रश्न: सर, जैसा कि नाम कहता है ‘अद्वैत लाइफ-एजुकेशन’, तो मेरा सवाल यह है कि जीवन(लाइफ) क्या है| मैं ये भी पूछना चाहती हूँ की हमारी ज़िन्दगी में ऐसा क्या है जो हमारा अपना है| सब कुछ तो हमें समाज से मिलता है| समाज ने ही हमें ये बताया कि हमें ये करना चाहिए, वो करना चाहिए| तो इसमें हमारा क्या है?

वक्ता: सबसे पहले तो ये जान लेना कि सब कुछ बाहर से आता है, ये बड़ी बात है| सब कुछ पाया ही हुआ है| शरीर की जो पहली दो कोशिकाएं हैं, वो बाहर से आती हैं और उसके बाद वो सब कुछ जिसे तुम अपना बोलते हो, वो बाहर ही बाहर से आता रहता है| शरीर बना है खाने से, हवा से, पानी से, और ये सब बाहरी है| शुरुआत से लेकर अंत तक शरीर बाहर…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org