बोध और योग का मार्ग

दो ही चीज़ें होती हैं देखो — या तो बोध का मार्ग, या योग का मार्ग।

भारत ने दोनों को ही आज़माया है, दोनों ही सफल रहे हैं।

बोध का मार्ग कहता है — “जानो, और जानने के फलस्वरुप तुम्हारे कर्म और निर्णय बदलेंगे। भीतर प्रकाश उदित होगा, तो तुम्हारे जीवन में दिखाई देगा। तुम्हारे सब कर्मों में दिखाई देगा।”

योग का मार्ग दूसरा है। वो कहता है — “ढर्रे मृत होते हैं। उनको अगर प्रकाश से तोड़ेंगे, तो बड़ा समय लगेगा। तो उनको विधियों से तोड़ो।”

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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