बेमतलब, निरुद्देश्य जियो

प्रश्न: मनुष्य ‘स्वार्थी’ है या ‘मतलबी’?

उत्तर: तुमने ‘स्वार्थ, मतलब’ के बारे में जानना चाहा है।

अर्थ माने कुछ ऐसा जो तुम्हें लुभावना, प्रिय लगता हो।

(यहां पर) ‘स्व’ माने अहंकार।

स्वार्थ माने वो जो अहंकार को प्यारा लगे।और मतलब माने भी अर्थ।

सत्य मात्र ‘होता है’, और उसका ‘मतलब’ अहंकार करता है। जहां अर्थ, जहां मतलब, वहीँ…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org