‘बेबी-बेबी’ वाला प्यार

्रश्नकर्ता: यह जो आशिक लोग होते हैं, एक-दूसरे से बेबी-बेबी वाली भाषा में बात क्यों करते हैं? एक दूसरे को बेबी-बेबी, सोना, या चुन्नू-मुन्नू बोलना, यह क्यों होता है?

आचार्य प्रशांत: वजह तो बिलकुल सीधी है। बेबी क्या होता है? बच्चा! बच्चे का मतलब है वह जिसके पास चेतना बहुत कम है, समझदारी बहुत कम है। तो वो क्या है पूरे तरीक़े से? वो एक शरीर है। बेबी माने एक ऐसा जीव जिसके पास कोई समझदारी नहीं है और जिसके पास एक शरीर है और वह शरीर कैसा है? ‘बेबी सॉफ्ट!’ मुलायम-मुलायम और उसकी नाज़ुक सी त्वचा। उसके पाँव भी कैसे हैं? छोटे बच्चों के पाँव देखे हैं कैसे होते हैं? बड़ों जैसे नहीं होते। एकदम नरम, मुलायम, गोरे-गोरे, उसके तलवे में भी तुम ज़रा सी ऐसे उंगली छूआओगे तो एकदम लाल सा हो जाएगा तलवा।

अब दो लोग आपस में कह रहे हैं कि प्यार करते हैं एक-दूसरे को। वो प्यार दो तरह का हो सकता है। एक तो यह कि जिसमें तुम दूसरे को छोटे से बड़ा बना दो, बच्चे से उठा कर के उसको परिपक्व कर दो। और दूसरा यह हो सकता है कि जिसमें तुम एक परिपक्व वयस्क को गिरा कर के बच्चे जैसा बना दो।

अब अगर प्यार ऐसा है जिसमें आपकी ख़्वाहिश ही यह है कि सामने वाला ज़्यादा समझदारी न दिखा दे। तो आप क्या चाहोगे कि वो जो आपके सामने खड़ा है वो परिपक्व रहे, वयस्क रहें, प्रौढ़ रहे या अपरिपक्व रहे? अगर मैं चाहता हूँ कि मैं जिससे रिश्ता रख रहा हूँ, वो ज़्यादा समझदारी न दिखा दे, क्योंकि उसने ज़्यादा समझदारी दिखा दी तो मेरे मंसूबों पर पानी फ़िर जाएगा, तो मैं उसको परिपक्व रखना चाहूँगा या अपरिपक्व रखना चाहूँगा? अपरिपक्व रखना चाहूँगा।

कुछ समझ में आ रहा है कि ज़्यादातर लोग रिश्ते बनाते कैसे हैं? हम रिश्ते बनाते ही ऐसे हैं जिसमें दूसरे की समझदारी हम से बर्दाश्त नहीं होगी। बल्कि अगर वो ज़्यादा समझदार हो गया तो हम उससे कहेंगे कि तुम तो बड़े होशियार हो रहे हो, बनेगी नहीं अपनी। यह होशियारी कहीं और दिखाना।

अगर हम चाहते ही हैं कि दूसरा हमारे लिए सिर्फ़ एक देह रहे, तो बहुत ज़रूरी है न कि हम उसको बेबी बनाकर रखें। क्योंकि बेबी क्या होता है? एक बॉडी, एक देह, एक जिस्म। बेबी के साथ कोई अक्ल नहीं होती। और हमारे भी जितने बेबी-बेबियाँ हैं हम चाहते यही है कि वह ज़रा भी अक्ल का इस्तेमाल न कर लें। बेबी के पास कोई अवेयरनेस (जागरूकता), कोई नॉलेज (ज्ञान) नहीं होता। और तुमको भी ज़रा भी अच्छा नहीं लगेगा अगर तुम्हारी बेबी ज्यादा अवेयरनेस व ज़्यादा नॉलेज दिखाना शुरू कर दे। क्योंकि तुम्हारी बेबी के पास अगर ज़्यादा अवेयरनेस और नॉलेज आ गया तो वह तुम्हारे साथ क्यों रहेगा या रहेगी?

तो हालत यह है कि तुमको अगर कोई परिपक्व लड़का या लड़की मिल भी गया प्रेम में, तो तुम पूरी…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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