बुरी आदतें कैसे छोड़ें?
3 min readSep 8, 2020
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तम्बाकू हो, या निंदा हो, या माँस हो, या आलस हो, हर आदत सत्य का, मौज का, एक विकल्प होती है। असफल और सस्ता विकल्प।
असली चीज़ नहीं मिली है, तो तम्बाकू चबा रहे हो, जैसे बच्चे को माँ न मिले, तो अँगूठा चूसे।
श्रोता: वो रग, रग में चली गई होती है।
आचार्य प्रशांत: अरे रग-रग कराह किसके लिए रही है, उसका तो नाम लो। तम्बाकू रग-रग में भरोगे, तो कैंसर ही मिलेगा अधिक-से-अधिक। रग-रग में राम…