बाहरी प्रभावों से कैसे बचा जाए?

बाहर तो ये नकली चेहरा लटका होता है शांति का, क्योंकि बाहर से व्याकुलता दिखाओगे तो कोई कहेगा, “ये पागल आदमी है।” क्लास में बैठे हो और बाहर से भी उत्तेजित हो, तो शिक्षक क्लास से बाहर निकाल देगा। दोस्तों के साथ हो और बाहर से भी दिखा रहे हो कि — मैं बहुत उदास और व्याकुल हूँ — तो दोस्त भी पास नहीं आएँगे। वो कहेंगे, “ये कैसा बंदा है, इसके पास मत जाओ।” है ना?

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org