बस राम को चुन लो, आगे काम राम का

तुलसी ममता राम सों सकता सब संसार।

राग न द्वेष न दोष दु:ख दास भए भव पार।।

~ संत तुलसीदास

आचार्य प्रशांत: राम से ममता, संसार में समता।

संसार में कुछ ऐसा नहीं जो कुछ दे सकता है, और कुछ ऐसा नहीं जो कुछ ले सकता है, तो यहाँ तो सब एक बराबर — समता। यहाँ तो कोई हमारे सामने विकल्प रखे ही नहीं, क्योंकि संसार को लेकर हम निर्विकल्प हैं। हमने…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org