बदले की आग में जलता है मन

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, गहरे रिवेंजफुल यानि प्रतिहिंसा से भरे हुए विचारों से मुक्ति कैसे पाएँ? बहुत सारी ऐसी भावनाएँ हैं जो हम प्रकट नहीं कर सकते लेकिन वो बहुत पुरानी हैं, उनमें बड़ी जान है।

आचार्य प्रशांत: बदले की भावना। बार-बार याद आना कि अतीत में किसी ने हमारे साथ कुछ बुरा करा था और उससे प्रतिशोध लेना है।

तुम्हारे साथ अतीत में किसी ने कुछ करा। वो बहुत कोई अच्छा काम था क्या? बहुत ऊँचे तल का…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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