बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर। ।
~गुरु कबीर
प्रश्न: आचार्य जी, प्रणाम। कृपया गुरु कबीर की इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
आचार्य प्रशांत जी:
एक ही है जो बड़ा है, जो वृहद है, उसे ‘ब्रह्म’ कहते हैं। उसके अलावा कुछ और बड़ा नहीं। उसके अलावा तो आप जिसको भी ‘बड़ा’ कहेंगे, बस तुलनात्मक रूप से…