बच्चों को कुविचारों से कैसे बचाएँ

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, क्या विचारों का आना असहज है?

आचार्य प्रशांत: आप कहिये ना! अभी आप यहाँ बैठे हुए हैं, तल्लीनता से सुन रहे हैं! कितने विचार उठ रहे हैं? कुछ ही समय पूर्व, करीब एक-डेढ़ घंटे का सत्र हुआ था, विचार-मग्न थे क्या? या ध्यान-मग्न थे! दोनों का अंतर जानिये। विचार-मग्न थे, या ध्यान-मग्न थे?

प्र: ध्यान-मग्न।

--

--

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

Get the Medium app

A button that says 'Download on the App Store', and if clicked it will lead you to the iOS App store
A button that says 'Get it on, Google Play', and if clicked it will lead you to the Google Play store
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org