पढ़ाई, संसार, और जीवन के निर्णय

प्रश्न: आचार्य जी, कल मेरी परीक्षा है, लेकिन मन शांत नहीं है। मैंने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। पर इस वर्ष ऐसा हो रहा है कि मन बड़ा अशांत है। कुछ ही घंटे बचे हैं। आपका आशीर्वाद मिल जाएगा तो कल का दिन बहुत ही अच्छा जाएगा।

आचार्य प्रशांत: आशीर्वाद लेने से क्या होगा, जाकर पढ़ाई करो बेटा। यही आशीर्वाद है। और मन को क्यों इतना महत्त्व दे रहो कि शांत है या अशांत है। हो…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org