प्रतियोगी मन — हिंसक मन

प्रश्न: सर, प्रतियोगिता से डर लगता है। ऐसा क्यों?

आचार्य प्रशांत: प्रतियोगिता का डर है क्योंकि प्रतियोगिता का अर्थ ही है — डर। केवल डरपोक लोग ही प्रतियोगिता करते हैं। उसी का मन प्रतियोगी होता है जो डरा हुआ है।

एक स्वस्थ मन कभी -भी दूसरे से तुलना नहीं करता।

प्रतियोगिता का अर्थ ही है — तुलना।

एक स्वस्थ मन अपने में रहता है, वो अपने आनंद के लिए काम

--

--

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

Get the Medium app

A button that says 'Download on the App Store', and if clicked it will lead you to the iOS App store
A button that says 'Get it on, Google Play', and if clicked it will lead you to the Google Play store
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org