प्रतियोगी मन — हिंसक मन
प्रश्न: सर, प्रतियोगिता से डर लगता है। ऐसा क्यों?
आचार्य प्रशांत: प्रतियोगिता का डर है क्योंकि प्रतियोगिता का अर्थ ही है — डर। केवल डरपोक लोग ही प्रतियोगिता करते हैं। उसी का मन प्रतियोगी होता है जो डरा हुआ है।
एक स्वस्थ मन कभी -भी दूसरे से तुलना नहीं करता।
प्रतियोगिता का अर्थ ही है — तुलना।
एक स्वस्थ मन अपने में रहता है, वो अपने आनंद के लिए काम…