प्रतियोगी परीक्षा में असफल होने पर निराशा
प्रश्नकर्ता: प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार असफल होने के बाद मैं अब सांसारिक प्रयासों से अनासक्त हो गया हूँ। क्या अध्यात्म में मुझे शरण प्राप्त हो सकती है ताकि मुझे सांसारिक प्रयत्न फिर करने ही ना पड़ें?
आचार्य प्रशांत: रॉंग नंबर। ऐसे थोड़ी है की इधर से पिट गए, उधर से पिट गए तो… ऐसे नहीं, बेटा। अध्यात्म का मतलब है जो जूझ न भी रहा हो उसे जुझा देना। अध्यात्म का मतलब ये थोड़े ही है कि एक परीक्षा…