प्यार है या कारोबार?

आचार्य प्रशांत: प्रेम और कारोबार के नियम अलग-अलग होते हैं। कारोबार का नियम है कि अगर लिया है तो लौटाना पड़ेगा, और प्रेम का नियम होता है कि मिला हो चाहे न मिला हो, बाँटना पड़ेगा। प्रेम यह देखता ही नहीं मिला कितना और कारोबार अगर यह न देखे कि मिला कितना तो बंद हो जाएगा।

दोनों के नियमों का पालन करना सीखिए। अगर कारोबारी रिश्ता है तो जितना लिया है उसको ज़रूर लौटाइए वरना बेईमानी कहलाएगी। लेकिन उसके लिए स्वीकार करिए न कि रिश्ता कारोबारी…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org