पैसे को लेकर मन परेशान

धन का संबंध कर्म से है, यह एक तरह का संचित कर्म है। आपने जो काम करे उन सब कामों का मुद्रा की भाषा में अनुवाद कर दिया गया है। धन कमाने का एक ही उदेश्य होना चाहिए कि उससे बेचैनी मिट सके। अपने आप से ईमानदारी से पूछिए जरा कि क्या आपने पैसा इसीलिए इकट्ठा किया था कि वो आपके सभी चिंताओं का शमन कर देगा? इसलिए तो आपने पैसा जोड़ा ही नहीं था, पैसा तो आपने जमा किया था कि आप उससे इधर-उधर के तमाम काम कर सकें, तो ऐसे पैसे के जाने पर कितनी चिंता सम्यक है, इसका…

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रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org