पैसा, नाम, ताकत — कमाएँ कि नहीं?

प्रश्नकर्ता: बाहर की दुनिया में सबसे ज़्यादा मूल्य ताकत को और नाम-पहचान को दिया जाता है तो ऐसे में सत्य के साधक का ताकत, पावर, और पहचान, प्रसिद्धि या ख्याति के प्रति क्या रवैया होना चाहिए?

आचार्य प्रशांत: आपको एक मंज़िल तक पहुँचना है और जिस मंज़िल तक आप पहुँचना चाहते हैं, उसी की राह में धीरे-धीरे आपको ये भी पता लगने लगता है कि वहाँ अकेले पहुँचा जा नहीं सकता। तो फिर आपको समझ में आता है कि जीवन का उद्देश्य होता…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org