पैसा कम होगा तो भी मन में घूमेगा, और पैसा ज़्यादा हो गया तो भी मन में घूमेगा।

और जो कुछ मन में घूम रहा है, वही आपका सिरदर्द है।

सिरदर्द के साथ कौन जीना चाहता है?

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org