पुल पर घर नहीं बनाते
11 min readNov 10, 2022
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आचार्य प्रशांत: देखो प्रकृति से, संसार से भागा नहीं जा सकता, लेकिन प्रकृति और संसार तुम्हारे लिए आख़िरी चीज़ भी नहीं हो सकते। बहुत ध्यान से समझो इस बात को। ना इनसे भाग सकते हो — किससे? — दुनिया से, संसार से। अपने शरीर से बाहर निकलकर भाग सकते हो? तो संसार से बाहर निकलकर कहाँ भागोगे? तुम्हारा शरीर भी क्या है?
प्रश्नकर्ता: संसार।