पुराणों की कथा तो कपोल कल्पित होती हैं, फिर इनका क्या महत्त्व है?
प्रश्नकर्ता: दुर्गासप्तशती के प्रथम चरित्र में दो असुर मधु और कैटभ के बारे में बात हुई है, क्या वो एक तरीके से वृत्ति के ही रूप हैं?
आचार्य प्रशांत: आप अगर निद्राग्रस्त हो, कौन सी निद्रा? चेतना की निद्रा, तो आपके शरीर का मैल ही असुर है। जब आप माया के आधीन होकर सो जाते हो तो आपका शरीर ही असुर है। शरीर माने शारीरिक वृत्तियाँ, वही असुर हैं।
यह बड़ी उपलब्धि का काम है। बड़ी विशेषज्ञता का काम है कि जो अस्तित्वगत सिद्धांत हैं, उनको किस तरीके से कथा के माध्यम तक जनसामान्य तक लाया जाए। तो आप पुराणों में…