पाना और बांटना ही है प्रेम
प्रश्नकर्ता १: सर, आप जब पिछली बार आये थे तो आपने बताया था कि प्यार ये नहीं, ये नहीं और ये नहीं है। पर आपने ये नहीं बताया कि प्यार क्या है और अगर हम किसी से प्यार करते हैं तो हमें उसे साबित करने की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
आचार्य प्रशांत: हम इतनी अजीब हालत में पहुँच चुके हैं कि जो सबसे करीबी है, हम उसी को नहीं जानते। हमें दूर का बहुत कुछ पता है। तुमको बहुत अच्छे से पता है कि चाँद-सितारे क्या हैं और कैसे हैं। हम कभी मंगल…