पर्यावरण की समस्या का मूल कारण
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, पर्यावरण को लेकर के बचपन से ही रुझान रहा है और जैसे-जैसे बड़े हुए हैं, उसको विनाश की ओर बढ़ते हुए ही देखा है। काफ़ी इच्छा थी कि इसके लिए कुछ किया जाए पर फिर अपने काम-धाम में ही लग गए। जब कभी भी गाड़ियों में से धुआँ निकलता पाता हूँ तो मन बेचैन हो जाता है। कोशिश भी करी, चिट्ठियाँ भी लिखीं, आर.टी.आई. भी फाइल की, कुछ ख़ास उससे हुआ नहीं।