पर्यावरण की समस्या का मूल कारण

पर्यावरण की सारी समस्याओं का जो मूल कारण है वह आदमी की हवस है बने रहने की और बने-बने भोगते रहने की।

बने रहने की हवस के कारण आदमी और ज़्यादा जी रहा है और अपने बाद अपने पीछे बच्चे छोड़ के जा रहा है। और भोगने की हवस के कारण आदमी अधिक से अधिक उपभोग कर रहा है।

समाधान तो बहुत सरल है, ज़्यादा नहीं अगले २० साल बच्चे न पैदा हों सब ठीक हो जाएगा क्योंकि लोग जा तो रहे ही हैं, मृत्यु तो रुक नहीं जाएगी। बस बीस साल में जंगल, हवा, पेड़-पौंधे सब ठीक हो जाएंगे।

मन अगर ऐसा हो गया कि आबादी नहीं बड़ा रहा तो मन ऐसा भी हो जाएगा कि उपभोग भी नहीं कर रहा। आबादी की इच्छा और अधिक से अधिक भोगने की इच्छा निकलती एक ही स्रोत से हैं।

दुनिया की सारी समस्या सिर्फ़ एक वजह से है हम न सिर्फ़ अपनी आबादी बड़ा रहे हैं बल्कि प्रति व्यक्ति अपना उपभोग भी बढ़ाए ही जा रहे हैं।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org