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पत्नी से सम्मान नहीं मिलता?

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, मेरा मेरी पत्नी से कोई लगाव वगैरह कुछ नहीं है। बस सामाजिक दबावों से उसके साथ हूँ। तलाक से डरता हूँ। डर लगता है कि तलाक हुआ तो पता नहीं क्या-क्या देखना पड़ेगा। पत्नी से सम्मान की इच्छा रहती है, मिलता बस अपमान है, लेकिन मैं चाहता हूँ इज़्ज़त मिले। मेरी अध्यात्म में भी गहरी रुचि है।

आचार्य प्रशांत: (व्यंग्य करते हुए) और एफ-वन रेसिंग में भी रुचि होगी, एनबीए में भी रुचि होगी, आउटर-स्पेस एक्सप्लोरेशन (ब्रह्माण्ड की खोजबीन) में भी रुचि होगी। और यह सब जो रुचि वाले काम होते हैं यह हम महीने में पाँच मिनट के लिए कर लेते हैं। यह क्या सवाल है! क्या उम्मीद है आपकी, मैं क्या बोलूँ इस पर?

“पत्नी से मेरा कोई लगाव नहीं है। सामाजिक कारणों से उसके साथ हूँ।” सभी का यही होता है, इसमें नई बात क्या है? “तलाक से भयभीत हूँ। डर लगता है कि तलाक हो गया तो क्या-क्या देखना पड़ेगा। पत्नी से सम्मान की इच्छा रहती है, मिलता नहीं है।”

तो यह सब पहले तय कर लेना था न कि, “तू इतना सम्मान दिया करेगी मुझे साढ़े सात सौ ग्राम और बदले में मैं तुझे कुछ और दूँगा पाँच-छः ग्राम।” कुछ बातें यह सब नाप-जोख कर करनी थी।

जब प्रेम का रिश्ता नहीं है तो फिर तो कोई व्यापारिक रिश्ता ही है। और व्यापार में जब अनुबंध करे जाते हैं, करार, एग्रीमेंट तो वहाँ पर छोटे-से-छोटा बिंदु भी छलनी से छान कर अंतिम किया जाता है। वहाँ पर तो हर बिंदु पर दिमाग लगाया जाता है कि इसमें कितना लिखना है, कितना नहीं, ठीक-ठीक कौन से शब्द का प्रयोग करना है। हर बात भाई साफ-साफ होनी चाहिए…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

Written by आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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