पढ़ाई के किसी विषय में रुचि न हो तो?
3 min readMay 6, 2020
--
इंटरेस्ट या रुचि छोटी चीज़ होती है, सत्यता बड़ी चीज़ होती है।
अहंकार कहता है, “रुचि को प्रधानता दो।”
अध्यात्म कहता है, “धर्म प्रधान है।”
अध्यात्म का अर्थ ही है — रुचि की परवाह ही न करना, और उस तरफ चलना जिस तरफ धर्म है, जिधर सत्य है।
रुचि की तरफ चलना माने — वृत्तियों के चलाए चलना।