पढ़ने बैठो तो मन भागता है
किताब जब सामने रहती है तो उसपर फोकस क्यों नहीं कर लेते?
इसलिए नहीं कर लेते क्योंकि उसकी कीमत अपने आप को नहीं बताते हो।
कीमत तो व्यक्ति के परिपेक्ष में ही होती है। तुमने अगर खुद चुनी है चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई, जैसा कि कह रहे हो कि डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हो, या हो सकता है मेवा खाना चाहते हो, अगर खुद चुना है — सेवा चाहे मेवा- तो फिर तुम्हें पता होना चाहिए अपने चुनाव की कीमत का।