न तुम, न तुम्हारा श्रम
आचार्य प्रशांत: तुम मुझे बताओ ‘सफलता’ क्या है?
प्रश्नकर्ता: काम करने के बाद जो खुशी मिलती है उसे सफलता बोलते हैं।
आचार्य: अगर मैं काम करने के बाद खुश हूँ तो काम करने के दौरान मैं कैसा हूँ?
नाखुश!
अगर मैं लगातार खुश ही हूँ तो काम करने के बाद अतिरिक्त खुशी तो मिलेगी नहीं?