न एकांत न विश्राम, धर्म है अथक काम
विवेकानंद का विशिष्ट योगदान अध्यात्म को जीवन में लाने का था। उन्होंने नहीं कहा कि मैं ज्ञान योग या भक्ति योग को ही और प्रचारित और प्रसारित करूँगा। उनकी विशिष्टता शब्द और जीवन की खाई को पाटने में है। अपूर्व तेज़ से भरे हुए शब्द थे। बात को बिना किसी भी लाग-लपेट के उन्होंने लोगों के सामने रख दिया।
अध्यात्म की जो प्रचलित मान्यता थी कि अध्यात्म एकांत में जा कर कुछ ध्यान लगाने का काम होता है स्वामी विवेकानंद…