न अच्छा न बुरा है संसार, समझ गए तो रास्ता, न समझे तो दीवार

आत्मज्ञान के अभाव में हमें नहीं पता कि हमें क्या चाहिए तो फिर हम गलत चीज़ों का सेवन करते रहते हैं।
जब तुम केन्द्रीय चीज़ को भूलकर के किसी बाहरी चीज़ को तवज्जो दे रहे हो तो फिर जीवन में भी तुम्हें कोई केन्द्रीय फल, आनंद नहीं मिलेगा।
सब दोष हैं, सब विकार हैं और नहीं उनको इतनी आसानी से त्यागा जा सकता। हम कहा कह रहें हैं कि तुम तुरंत ही…