नौकरी न मिलने पर इतनी निराशा क्यों?

प्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी, मैंने अपने जीवन में असफलताओं की पराकाष्ठा को प्राप्त कर लिया है। मेरे सातवें सशस्त्र सीमा बल के साक्षात्कार में असफल होने के बाद अब जीवन काली स्याही हो गया है। अतः मेरे मन में कई बार आत्महत्या के भी ख्याल आए पर इतनी हिम्मत नहीं थी, मैं हीन-भावना से ग्रसित हो गया हूँ।

आचार्य जी, और अब सब कुछ व्यर्थ सा लगने लगा है। अब आगे कुछ करने का दिल नहीं कर रहा है। मैं बहुत बड़ी…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org