नौकरी करें या नहीं?
16 min readNov 28, 2020
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प्रश्नकर्ता: आचार्य जी प्रणाम! कुछ ही महीने हुए हैं आपसे यूट्यूब के माध्यम से जुड़े हुए। ‘वैराग्य शतकम’ का इक्कीस्वाँ श्लोक मुझे सता रहा है, मेरे वजूद पर सवाल उठा रहा है। मैं कॉर्पोरेट में काम कर रहा हूँ तीन साल से, आप समझ ही गए होंगे मैं पापियों के लिए काम कर रहा हूँ। क्या करूँ छोड़ दूँ?
आचार्य प्रशांत: पापियों के लिए काम कर रहे हो ठीक है लेकिन कौन है वह पापी यह ठीक से समझे नहीं। बहुत जल्दी दोष रख दिया तुमने उनके ऊपर जो…